हम है काव्यप्रेमी
हम है सब काव्यप्रेमी
काव्य हमारा काम
बिना काव्य के कभी
नही करते हम आराम
भावना मन की शब्दों में
उतर आती है कलमसे
शब्दसागर बनता है
तैरते है हम मनसे
कभी यहाँ तो कभी वहाँ
नही है एक ठिकाणा
जो जचता है मनको
लगता है उसपर निशाणा
सही भाव को प्रकटना
है नही उतना आसान
कल्पनाशक्ती से अपने
भरते है हम उँची ऊडान
श्रीमती माणिक नागावे
कुरुंदवाड , ता . शिरोळ ,
जि. कोल्हापूर , 416106
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