Tuesday, 16 May 2017

हम है काव्यप्रेमी

हम है काव्यप्रेमी

हम है सब काव्यप्रेमी
काव्य हमारा काम
बिना काव्य के कभी
नही करते हम आराम

भावना मन की शब्दों में
उतर आती है कलमसे
शब्दसागर बनता है
तैरते है हम मनसे

कभी यहाँ तो कभी वहाँ
नही है एक ठिकाणा
जो जचता है मनको
लगता है उसपर निशाणा

सही भाव को प्रकटना
है नही उतना आसान
कल्पनाशक्ती से अपने
भरते है हम उँची ऊडान

श्रीमती माणिक नागावे
कुरुंदवाड , ता . शिरोळ ,
जि. कोल्हापूर , 416106

No comments:

Post a Comment