Tuesday, 29 May 2018

दर्पणकाव्य ( ख्वाईश )

दर्पणकाव्य

प्रतियोगीता के लिए

ख्वाईश

ख्वाईश
जीने की
ख्वाईश
तमन्ना पूरी होने की
ख्वाईश
जीवन के क्षेत्र में सफलता की
ख्वाईश
माँ-बापकी दुवाएँ ,साया हमेशा मेरे साथ रहने की
ख्वाईश
मेरे मन में हमेशा करुणाभाव,हमदर्दी,परोपकारवृत्ती, सहनशीलता रहने की
ख्वाईश

रचना
श्रीमती माणिक नागावे
कुरुंदवाड , ता. शिरोळ,
जिल्हा. कोल्हापूर.

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