स्पर्धेसाठी
अभंग प्रकार
निर्मळ जीवन
असावे निर्मळ |
तन मन धन |
होईल जीवन |
आनंदाचे ||
द्वेष मोह राग |
सोडावा मत्सर |
आपण सत्वर |
सुधारण्या ||
दे सहानुभूती |
एकमेकाप्रती |
सफल जगती |
होण्यासाठी ||
आदर करावा |
सर्वांचा मानवा |
सोडुनी दानवा |
पाठीमागे ||
मानवा जन्म हा |
एकदाच मिळे |
का न तुला कळे |
रीतभात ||
सत्याचीच कास
धरावी नेहमी |
तू मानवप्रेमी |
असावास ||
पाळ मानवता |
सदैव तू अंगी |
ईश्वराच्या रंगी |
रंगून जा ||
रचना
श्रीमती माणिक नागावे
कुरुंदवाड, ता.शिरोळ ,
जि. कोल्हापूर .
9881862530
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