Thursday, 30 November 2017

निर्मळ जीवन ( अभंग )

स्पर्धेसाठी

        अभंग प्रकार

       निर्मळ जीवन

असावे निर्मळ |
तन मन धन |
होईल जीवन |
आनंदाचे ||

द्वेष मोह राग |
सोडावा मत्सर |
आपण सत्वर |
सुधारण्या ||

दे सहानुभूती |
एकमेकाप्रती |
सफल जगती |
होण्यासाठी ||

आदर करावा |
सर्वांचा मानवा |
सोडुनी दानवा |
पाठीमागे  ||

मानवा जन्म हा |
एकदाच मिळे |
का न तुला कळे |
रीतभात ||

सत्याचीच कास
धरावी नेहमी |
तू मानवप्रेमी |
असावास ||

पाळ मानवता |
सदैव तू अंगी |
ईश्वराच्या रंगी |
रंगून जा ||

रचना
श्रीमती माणिक नागावे
कुरुंदवाड, ता.शिरोळ ,
जि. कोल्हापूर .
9881862530

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