शहीद बेटे की माँ द्वारा की गई कविता प्रतियोगिता के लिए
मेरा लाल
मेरा बेटा आज मुझे
बहुत याद आता है |
सोचकर उसके बारे में
हृदय मेरा भर आता है |
भारतमाता की सेवा में
जान तुने अपनी गँवाई है |
अभिमान है मुझे तुझपर
जान तेरी देश के काम आई है |
गर्व से सदा मैं अब
तेरी ही बातें करती हुँ |
तानके सिना मैं सबसे
गौरवगाथा तेरी गाती हुँ |
मेरा लाल तू अमर रहे
कदम पे तेरे चलेगा भाई |
नही डरेगा वो मरनेसे
याद सदा उसे तेरी आई |
कोख मेरी सफल हुई अब
भारतमाता की सेवा में |
आज लौट के वापस लाल
आँखे बिछाई है तेरी राहोंमें|
कवयित्री
श्रीमती माणिक नागावे
कुरुंदवाड ,ता.शिरोळ ,
जि.कोल्हापूर .
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