Monday, 11 May 2020

शायरी (जख्म )

उपक्रम

शायरी

जख्म

जख्म तेरी बेदिली का ये दोस्त
दिलको रुला गया,
सोचा था दिलको लगा लूँगी,
पर तू तो दिल ही ले गया ।

शायरा
श्रीमती माणिक नागावे
कुरुंदवाड, जिल्हा. कोल्हापूर

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