poems & articles
Monday, 20 April 2020
हायकू ( गाजर )
हायकू
गाजर
खावा गाजर
आहे कंदमूळ
छान समूळ
केसरी रंग
लांबलचक अंग
खाण्यात दंग
आवडे सर्वां
गाजराचा हलवा
प्रेमे बोलवा
कच्चेच खावा
जेवणा अगोदर
हे भरभर
रचना
श्रीमती माणिक नागावे
कुरुंदवाड
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