विश्व किताब दिन
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में रहता है। समाज के रीति-रिवाजों को मानता है। पुरखों से चली आ रही अनेक रीति रिवाज है जो किताबों के माध्यम से अवगत होते हैं। किताब समाज का आईना है। किताब साहित्य का एक प्रकार है। अनेक साहित्यिक माहिर होते हैं। जैसे कि अंग्रेजी साहित्य में सेक्सपियर का बड़ा योगदान रहा है। विश्व विख्यात साहित्यकार का जन्म और मृत्यु एक ही है वह है 23 अप्रैल। 23अप्रैल विश्व किताब दिन के तौर पर पूरे विश्वा में मनाया जाता है। किताब हमें तत्कालीन युग का ज्ञान देते हैं।किताब के कारण ही हमें भूतकाल का ज्ञान होता है।
कीताबोंके अनेक प्रकार होते हैं।गद्य,पद्य,खंड बखर,इ.।आज हमें इन सभी कीताबोंकी बहुत जरुरत हैं। किताब के बिना हमें किसी भी चीज का ज्ञान नहीं होता। अज्ञान के अंध:कार में गोते खाते हुए व्यक्ति को किताब ही ज्ञान के प्रकाश में ले जाते हैं। अगर हमें अपने जीवन में विकास करना है। जीवन समृद्ध बनाना है। अपने जीवन मार्ग को विकास मार्ग की तरफ ले जाने के लिए किताबों की जरूरत हमेशा पड़ती है। कोई भी विचारधारा को अपने मन में लाने से पहले जब हमारा मन रिक्त होता है। किसी भी चीज की हमें मालूमात नहीं होती अब हमारा मस्तक भी खाली ही रहता है। ऐसे समय में जिस चीज की हमें मालूमात कर लेनी चाहिए अगर उसके बारे में हम पढ़ते हैं तो वह हमारे दिमाग को भी ज्ञान का भंडार सौंप देते हैं। जिंदगी जीते समय जीवन बिताते है तब क्या अच्छा है क्या बुरा है इसकी जानकारी भी हमें किताब ही देते हैं। किताबप्रेमी किताब से हमेशा बात करते हैं। हमारा जीवन संघर्षमय जीवन है। आगे क्या होगा पता नहीं चलता। लेकिन जब हमें इस संघर्षमय जीवन में अगर कोई समस्या आती तो उस समस्या से परे रहने के लिए किताबही हमें यशस्वी जीवन का रास्ता दिखाते हैं। किताब हमारे सच्चे मित्र होते हैं। क्योंकि जब हमें आनंद होता है,या दुख होता है। तो सबसे से पहले हम अपने मित्रों को बताते हैं। और अपने मन का भार हल्का कर देते हैं। ठीक उसी तरह किताब भी हमें सुख ,आनंद देते हैं। जब हम कभी दुखी होकर जीवन - यापन करने लगते हैं, तब हमारा मन बहुत ही उदास हो जाता है। ऐसे समय में अगर हमारे हाथ में कोई अच्छी किताब लगती है तो उसे पढ़ने के बाद मन हल्का हो जाता है। व्यक्ति के मन में जो उदासीनता की भावनाएं होती है वह निकल जाती है। वह विचार करने पर बाध्य होता है। जो बुरे विचार होते हैं वह निकल जाते हैं। उसी तरह जब हम दुखी होते हैं तब यशस्वी व्यक्तियों का जीवन चरित्र हम पढ़ते हैं, तब हमें यह पतख चलता हैं की इन व्यक्तीयों के जीवन में कितनी समस्याएं आई फीर भी वे उनका डटकर सामना करते रहे और आखिरकार उन्हे यश मिला यह हमें ज्ञात होता है और हमारे मन पर आई हुई उदासी जाती है और हम जो दुखी मन से बैठे होते हैं ,एक नई आशा हमारे मन में पैदा होती है और हम नया काम करने के लिए बाध्य हो उठते हैं। इसी तरह किताब हमें यशस्वी जीवन के राजमार्ग का दरवाजा खुला कर देते हैं।
किताब हमेशा हमें सही मार्गदर्शन करते हैं। अच्छे मार्गदर्शक हैं। क्योंकि हमारी विवेक बुद्धि को जागृत रखने का काम किताब ही करती है। समाज में क्या अच्छा है, क्या बुरा है, क्या नैतिक है, क्या अनैतिक है यह सब हम किताब के द्वारा ही समझ सकते हैं। अच्छे भाव हमारे मन में कब आते हैं इसका पता भी हमें नहीं चलता। किताब अपना, समाजका आईना होते है। साहित्यिक, कवि जब भी अपना लेखन करते हैं तब उनके मन में समाज में जो आए दिन घटनाएं घटती हैं, इन सब का उनके मन पर प्रभाव होता है । वे कभी आनंदित होते हैं,तो कभी व्याकुल हो उठते हैं।अपने मन के विचार वे अपनी लेखनी द्वारा कागज पर प्रकट करते हैं। हररोज जो घटता है वही किताब में आता है। साथ ही साथ साहित्यिकके मन का प्रतिबिंब भी किताब में दिखाई देता है। जब कोई साहित्यिक उदास मन से बैठा हुआ होता है और उसकी प्रतिभा जागृत होती है तो लेखन उदास की भाव में लिखता है। और वही अगर किसी उदास मन का व्यक्ति उसे पढ़ता है तो उसे वह अपना ही दुख लगता है। और वह उसे अच्छा लगता है । उसके मन के भाव का प्रतिबिंब उसे उस किताब में दिखाई देता है। और उसे लगता है कि यह तो मेरा ही दुख यहां पर प्रकट किया हुआ है।
जीवन में अनेक सारी समस्याएं हमें सताती है। कुछ सुझता नहीं तब अगर हम किताब पढ़ते हैं तो हमारा मन उन कीताब के विचारों में घूमता रहता होता है।मन को हलका करने का काम कीताब करती हैं। यह एक सही रास्ता है। और चंचल मन स्थिर होकर अच्छे विचार करने लगता है। किताब को पढ़ना अति आवश्यक है। पुस्तक हमेशा की तरह अंत तक हमारा साथ देते हैं। इसलिए हर एक घर में ग्रंथ संपदा होनी चाहिए। कोई किसी चीज की जानकारी कर लेनी है या कोई दुखी होते हैं तब हम इन किताबों के द्वारा जान लेते हैं ये हमारा दुख कम कर सकते हैं। अनेक महान व्यक्तियों का चरित्र जब हम देखते हैं तो यह बात समझ में आती है कि इन लोगों को जीवन में हमेशा किताबों को पढ़ना ही उन्हें अच्छा लगता था। किताबों से प्रेरित होकर ही उन्होंने अच्छा काम किया। और खुद भी उन्होंने अपना जीवनचरित्र एक किताब में बंद कर दिया ताकि उन्हें पढ़कर आने वाली पीढ़ियों के लोग उन्हें पढ़कर प्रेरित हो जाए। जब बड़े लोग किताब पढ़ते हैं तो घर में जो छोटे-छोटे बच्चे होते हैं वह भी किताब पढ़ने लगेंगे। उनका सारा समय टीवी देखने में,या मोबाइल पर खेलने में व्यतीत होता है। इससे उनका नुकसान ही होता है यह सब बंद हो जाएगा। किताब बच्चों को सही मार्ग दिखाएंगे। बच्चों की प्रतिभा को जागरूक करेंगे। और बच्चे पढ़ाई में रुचि लेने लगेंगे। जब हम जन्मदिन मनाते हैं तब उपहार के स्वरुप में चॉकलेट नहीं तो हम एक दूसरे को किताब देते हैं तो वह उपहार हमेशा अपने साथ रहेगा और अच्छी जानकारी भी देगा। भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम इन्हें भी किताबों से बहुत प्यार था। वे हमेशा किताब पढ़ते उनका किताबों के प्रति प्यार देखकर उनका जन्मदिन वाचन प्रेरणा दिन के तौर पर मनाने की घोषणा शासन ने की। एक अच्छी बात है। उस दिन सभी स्कूलों में बच्चों को पढ़ने के लिए कहा जाता है, किताबों के बारे में जानकारी दी जाती है, किताबों का महत्व लोगों को समझाया जाता है। यह प्रेरणादाई बात है। जब भी हमें कोई खाली समय मिलता है तब उस समय का हमें उपयोग करना चाहिए किताबों को पढ़ना चाहिए अपनी जानकारी, ज्ञान बढ़ाना चाहिए।
विश्व किताब दिन के अवसर पर पूरी दुनिया इसे हर्षोल्लास से मनाते हैं। मैं आशा करती हूँ कि लोगों के मन में किताब के प्रति स्नेह पैदा हो और वे अपना खाली समय पढ़ने में लगाएं ताकि उनके मन में कैसीभी उदासी हो ,जो भी दुख हो वह दूर हो जाए।
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