मन की भावनाओं को जब हम शब्द रूप देते हैं, तब कविता का जन्म होता है। कविता साहित्य का एक प्रकार है। कम शब्दों में अपने भावों को प्रकट करना कविता की विशेषता है। जब भी कोई कवी, साहित्यिक समाज में कुछ घटनाएं देखते हैं, और वह देखकर जब वह व्याकुल हो उठते हैं, वह घटना शब्दों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का काम वे कविता द्वारा करते हैं। जबतक वे उसे शब्दोंद्वारा प्रकठ नहीं करते तबतक उन्हें चैन नहीं आता।कविता के अनेक प्रकार हैं। जैसे की चारोली, वृत्तबद्ध, मुक्तछंद,गेय कविता, गजल, अष्टाक्षरी, अभंग आदि। हर एक प्रकार के अपने अपने नियम होते हैं। उन्हें ध्यान में रखकर लिखना होता है। कविता लिखने के लिए कविके पास प्रतिभा शक्ति का होना आवश्यक है। अपनी इस प्रतिभा शक्ति के आधार पर कवी अपने मन के विचार शब्दों में पिरोकर,वृत्तों में बांधकर, शब्दालंकारसे सजाकर प्रकट करता है। साहित्य चाहे कौन सी भी भाषा में हो उसमें कविता का एक अलग स्थान होता है। रविंद्र नाथ टैगोर, कवि कुसुमाग्रज जैसे महान कवियों ने कविता को ऊंचाई का स्थान प्राप्त करके दिया है। इनका कविता के प्रति सहयोग देखकर शासन द्वारा रविंद्र नाथ टैगोर जी का काव्य संग्रह "गीतांजलि " को नोबेल पारितोषिक भी मिला है। कवि कुसुमाग्रज को ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ है। जब हम कविता को पढ़ते हैं तब हमें उससे प्रेरणा, प्रोत्साहन मिलता है। स्वतंत्रता संग्राम के पूर्वकाल में भी साने गुरुजी जैसे नेताओं ने अनेक प्रकार के प्रेरणा गीत लिखकर, उन्हें गाकर लोगों को लड़ने की प्रेरणा दी है। कविता द्वारा अच्छे विचार देकर समाज जागृति भी की जा सकती है। तनावग्रस्त या दुखी व्यक्ति भी कविता वाचन करने से अपने मन को शांति प्राप्त कर सकता है। कविता समाज प्रबोधन का एक प्रभावी हथियार है।गेय कविता अच्छी तरह से ध्यान में रहती है। अगर साहित्य में कविता ना होती तो साहित्य निरस हो जाता। हर किसी को कविता लिखने नहीं आती फिर भी जब वह दूसरों के कविता में अपने भाव देखता है तो उसे वह अच्छा लगता है। बच्चों को भी बाल गीत बहुत अच्छे लगते हैं। वे हमेशा उसे गुणगुणाते रहते हैं। जब भी कोई व्यक्ति आनंद में रहता है तब वह कोई ना कोई गीत गाता रहता है।21 मार्च1999 को युनेस्कोने यह दिन विश्व कविता दिन के तौरपर मनाने की घोषणा की, ताकी साहित्य क्षेत्र में काम करनेवाले कवी,लेखक,प्रकाशक सभी को प्रोत्साहन मिलें। ऐसा कहा जाता है कि जो सूरज भी नहीं देख पाता वह कभी भी पाता है। और यह सही भी है। कविता मन: शांति के लिए, मन की वेदना आनंद प्रकट करने के लिए उपयोगी है। कविता के शब्दों में प्राण है मैं एक ताल,लय है। कवि शब्द सागर में तैरने वाला राजहंस होता है। कवि समाज रूपी सागर को सिर्फ अच्छी बातें और समाज प्रबोधन करता है। कविता चेतनास विचार, आकांक्षा सब कुछ देती है। कविता हर क्षेत्र में एक नया आयाम ढूंढती है। कविता दिलों जोड़ती है। कविता सबको प्रकृतिप्रेम, भूतदया सिखाती है।इसतरह कविता को सम्मान देने के लिए कविता दिन मनाया जाता है।
श्रीमती माणिक नागावे
कुरुंदवाड, जिल्हा. कोल्हापूर
9881862530
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