Sunday, 10 November 2019

हिंदी लेख ( राष्ट्रीय पक्षी दिवस )

राष्ट्रीय पक्षी दिवस

12 नवंबर यह जन्मदिन पक्षी प्रेमी डॉक्टर सलीम अली इनका जन्मदिन पक्षीदिन के तौर पर मनाने की घोषणा भारत सरकार ने की। डॉ.सलीम अली का पूरा नाम डॉक्टर सलीम मोइनुद्दीन अब्दुल अली था। मुंबई के सेंट झेवियर कॉलेज में उनकी प्रारंभिक शिक्षा पूरी हुई। बचपन से ही उन्हें पक्षियों का निरीक्षण करना अच्छा लगता था। उनका ज्यादातर समय पक्षियों के निरीक्षण में ही जाता था। इसलिए पढाई में वे अपना पूरा ध्यान नहीं दे पाते थे। एक दिन अपने मामा के साथ बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी देखने गए थे। तभी वहाँ के अनेक प्रकार के पंछियों की जातियाँ देखकर उनके छोटे से मन में पक्षियोंके प्रती कौतुहल जाग उठा। जैसे जैसे वे बढते गए वैसे वैसे उनका पक्षी प्रेम बढ़ताही गया। कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी में काम करने लगे। लेकिन उनके मन में  पक्षियोंके प्रति प्रेम था वह कम नहीं हुआ था। बल्कि बढ़ता ही गया। जर्मन के प्रख्यात पक्षीतज्ज्ञ  डॉ.इरविन स्ट्रसमँन  के पास जाकर वे 1 साल तक वहाँ रहे और उनसे उन्होंने पक्षियों के बारे में पूरी जानकारी ली,और वहाँ रहकर अपनघ पढाई पूरी की।  जब वह वापस भारत आए, तबतक उनकी मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी की जो नौकरी थी वह चली गई थी। उन्होंने बहुत प्रयास किया नौकरी ढूंढने की, लेकिन उन्हें नहीं मिली। और जहाँ मिली वहाँ इनका पक्षी प्रेम बीच में आया  और वह नौकरियां भी चली गई। अंत में उन्होंने मुंबई के पास पत्नी के गाँव कीहीम में आकर रहे। वहाँपर उन्हें  पक्षियों के लिए ज्यादा समय देने के लिए समय मिल गया। वहाँ पर उन्होंने सुगरण नामक पक्षी के जीवन पर शोध निबंध प्रस्तुत किया। सुबह से शाम तक बिना खाए पिए वह  पक्षीओके के पास ही अपना सारा वक्त बिताते थे। पक्षियों के जीवन की बारीकी से पढ़ाई की थी। उनका यह शोध निबंध पूरे विश्व में  सम्मानित हुआ और डॉक्टर सलीम अली पक्षीप्रेमी कहकर पहचानने लगे। पक्षियों के बारे में पूरी जानकारी होने के कारण पक्षी जीवन का चलता फिरता ज्ञानकोष भी उन्हें कहा जाता है। अपने प्रयोग और निरीक्षण के द्वारा उन्होंने बाकी के लोगों के मन में पक्षियों के प्रति कौतुहल निर्माण किया। डॉक्टर सलीम अली को पक्षियों का गहरा अध्ययन था इसलिए उन्हें भारत में पक्षी मानव के नाम से भी जानते हैं। उनका बर्ड्स ऑफ इंडिया यह कीताब बहुत लोकप्रिय हुई है। उनका कार्य देखकर डाक विभाग ने उनके स्मृति में डाक टिकट भी जारी किया है। उन्हें डॉक्टरेट की पदवी भी प्राप्त हुई है। साथ ही साथ उन्हें पद्मभूषण और पद्मविभूषण पुरस्कार देकरभी  नवाजा भी गया है।ऐसे पक्षिप्रेमी, पक्षिमानव,पक्षियोंका चलता फीरता ज्ञानकोश सलीम अली का जन्मदिन पक्षी दिन कहकर मनाया जाता है।उन्हें शत शत प्रणाम।

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