poems & articles
Monday, 31 August 2020
चित्रचारोळी ( ललना )
चित्रचारोळी
ललना
भरजरी वसने लाल वर्णी
अलंकाराने सजली काया
सलज्ज वदनी हास्य शोभते
गजरा कुंतली अत्तराचा फाया
रचना
श्रीमती माणिक नागावे
कुरुंदवाड, जिल्हा. कोल्हापूर
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