Friday, 18 September 2020

हिंदी कविता ( फुलोंका चमन )

काव्यप्रेमी हिंदी काव्यगोष्ठी प्रस्तुत उपक्रम के लिए चित्रकाव्य

शिर्षक- फुलों का चमन

रंगबिरंगे फुल खिले हैं,
फुलों के इस चमन में।
एक पपिहा चहक उठा है,
आनंदी मन के आँगन में।

निले अंबर के नीचे सजी है,
प्यारी सी बगीया जरबेराकी।
पिले,लाल,गुलाबी रंगोंकी,
क्यारी प्यारी लगती फुलोंकी।

हरित पर्ण शोभायमान करती,
आँखोंको शितलता देकर।
उँची उँची शाखांओंपर अपने,
पवन हिलोरे देते आनेपर।

निले सफेद मेघ हँसते हैं,
चाहत रंगोंकी मन में भरकर।
खुब सजा है बगीया अपना,
नाचे लोग आनंद विभोर होकर।

कवयित्री
श्रीमती माणिक नागावे
कुरुंदवाड, जिल्हा. कोल्हापूर

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